चकिया, चंदौली। स्थानीय विकास खंड अंतर्गत ग्राम पंचायत रामपुर कला (बैरी) कंपोजिट विद्यालय के प्रधानाचार्य ने ग्राम प्रधान को पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि विद्यालय परिसर बरसात के दिनों में जलमग्न हो जाता है। विद्यालय का पानी बाहर निकालने के लिए प्रधानाचार्य ने ग्राम प्रधान से नाली बनवाने की मांग की। जिसपर ग्राम प्रधान डॉक्टर केशव मूर्ति ने नाली निर्माण कार्य शुरू कराया। नाली निर्माण कार्य शुरू होते ही कुछ विरोधियों द्वारा इसका विरोध भी किया गया। लेकिन नाली नक्शा में होने के कारण ग्राम प्रधान ने नाली निर्माण कराते हुए पानी निकास की व्यवस्था कर दिया।
बतादें कि ग्राम पंचायत रामपुर कला (बैरी) में कंपोजिट विद्यालय, कोऑपरेटिव, पंचायत भवन सहित अन्य सार्वजनिक स्थाल बरसात के दिनों में जलमग्न हो जाता है। इसकी शिकायत गांव के ग्रामीण और कंपोजिट विद्यालय के प्रधानाचार्य सहित अन्य ने ग्राम प्रधान से किया। जिस पर ग्राम प्रधान ने बरसात का पानी गांव के बाहर बहाए जाने के लिए नाली का निर्माण कराया। ताकि बारिश के दिनों में इन सार्वजनिक स्थलों का परिसर जलमग्न न हो पाए, और सुचारू रूप से पानी गांव से बाहर निकाल पाए। ग्राम प्रधान ने नाली का निर्माण कराते हुए पानी निकालने की व्यवस्था बेहतर तरीके से कर दिया है। लेकिन गांव के कुछ कतिपय विरोधियों द्वारा इसका विरोध भी किया गया। लेकिन विरोधियों की एक भी नहीं चली। नक्शे में नाली दर्ज होने के कारण नाली का निमार्ण कराया गया। ग्राम प्रधान ने मनरेगा से नाली की मरम्मत कराते हुए पानी निकलने की व्यवस्था को सुदृढ़ बना दिया हैं। विरोधी द्वारा बार-बार कहा जा रहा है कि नाली हमारे खेत में है। लेकिन नाली नक्शे में दर्ज है, इसलिए ग्राम प्रधान द्वारा नाली का निर्माण कराकर पानी निकासी की व्यवस्था की गई है।
ग्राम प्रधान डॉक्टर केशव मूर्ति ने बताया कि नाली का निर्माण नक्शा में होने पर कराया गया है। विरोधियों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है, लेकिन विरोधियों का एक भी नहीं चल पा रहा है। नाली निर्माण को शासन, प्रशासन भी मानने के लिए तैयार हैं,और बरसात का पानी सुचारु ढंग से गांव के बाहर निकले इसको लेकर प्रशासनिक अमला व गांव के ग्रामीण भी खुशहाल हैं।